सीटू के आव्हान पर 16 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल: मेहरा।
😊 Please Share This News 😊
|
सीटू के आव्हान पर 16 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल: मेहरा।
न्यूज़ टुडे हिमाचल ब्यूरो शिमला:
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच व संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 16 फरवरी की देशव्यापी हड़ताल व ग्रामीण बन्द के तहत औद्योगिक, ट्रांसपोर्ट, मनरेगा, निर्माण, आंगनबाड़ी, मिड डे मील, आउटसोर्स, पनविद्युत परियोजनाओं, एनएचपीसी, एसजेवीएनएल, एचपीपीसीएल, सैहब सोसाइटी, फोरलेन, रेलवे निर्माण, होटल, आईजीएमसी, टांडा मेडिकल कॉलेज, अस्पतालों, एसटीपी, रेहड़ी फड़ी तयबजारी, धोबी, विशाल मेगामार्ट, कालीबाड़ी मंदिर, मेंटल अस्पताल, टूरिस्ट गाइड, चूड़ेश्वर टैक्सी, शिमला पोर्टर, रेलवे पोर्टर आदि क्षेत्रों के हज़ारों मजदूर हिमाचल प्रदेश में हड़ताल करेंगे। इस दौरान राज्य, जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर मजदूरों के जोरदार प्रदर्शन होंगे।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह पूँजीपतियों के साथ खड़ी हो गयी है व आर्थिक संसाधनों को आम जनता से छीनकर अमीरों के हवाले करने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है। ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के नारे की आड़ में मजदूर विरोधी लेबर कोडों को थोपने, बारह घण्टे की डयूटी, फिक्स टर्म व मल्टी टास्क रोज़गार लागू करने, हड़ताल पर अघोषित प्रतिबंध लगाने व सामाजिक सुरक्षा को खत्म करने की नीति पर आगे बढ़कर यह सरकार इंडिया ऑन सेल, बंधुआ मजदूरी व गुलामी की थियोरी को लागू कर रही है। इस से केवल पूंजीपतियों,उद्योगपतियों व कॉरपोरेट घरानों को फायदा होने वाला है व गरीब और ज़्यादा गरीब होगा।
मोदी की गारंटी, अच्छे दिन का वायदा करने वाली गरीब हितेषी का दम भरने वाली मोदी सरकार गरीबों को खत्म करने पर आमदा है। मजदूरों के 26 हज़ार रुपये न्यूनतम वेतन की मांग ज्यों की त्यों खड़ी है। आम भारतीय की आय पचास प्रतिशत से अधिक बढ़ने का दावा करने वाली मोदी सरकार को आईएलओ ने बेनकाब कर दिया है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन आईएलओ ने हालिया जारी आंकड़ों में स्पष्ट किया है कि भारत के करोड़ों मजदूरों का वास्तविक वेतन महंगाई व अन्य खर्चों के मध्यनज़र घटा है। यह सरकार जनता को मूर्ख बनाने का कार्य कर रही है। महिला सशक्तिकरण व नारी उत्थान के नारे देने वाली केंद्र सरकार ने गरीबों व महिलाओं को हालिया अंतरिम बजट में आर्थिक तौर पर कमज़ोर किया है। सरकार ने मनरेगा के बजट में भारी उदासीनता दिखाई है। केंद्र सरकार ने पिछले पांच वर्षों में आंगनबाड़ी कर्मियों के वेतन में एक भी रुपये की बढ़ोतरी नहीं की है। पिछले पंद्रह वर्षों में मिड डे मील कर्मियों के वेतन में एक भी रुपये की बढ़ोतरी नहीं की गयी है। मजदूरों व कर्मचारियों के लिए खजाना खाली होने का रोना रोने वाली केन्द्र सरकार ने पूंजीपतियों से लाखों करोड़ रुपये के बकाया टैक्स को वसूलने पर एक शब्द तक नहीं बोला है। इसके विपरीत पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए कॉरपोरेट टैक्स को घटा दिया गया है। टैक्स चोरी करने वाले पूंजीपतियों को सरकार ने पिछले पांच वर्षों में लगातार संरक्षण दिया है।
व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें |