हिमकेयर योजना का भुगतान रोक कर प्रदेश सरकार ने जरूरतमंद मरीजों के मुफ्त इलाज़ को रोका: महेंदर धर्माणी।
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हिमकेयर योजना का भुगतान रोक कर प्रदेश सरकार ने जरूरतमंद मरीजों के मुफ्त इलाज़ को रोका: महेंदर धर्माणी।
हमीरपुर 26 अप्रैल 2024
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता एवं हमीरपुर विधानसभा के प्रभारी महेंदर धर्माणी ने कुप्रबंधन स्वास्थ्य सेवाओं और हिमकेयर योजना का भुगतान रोकने पर प्रदेश सरकार को घेरते हुए मुख्यमंत्री से तीखे सवाल उठाए हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि एक तरफ तो मुख्यमंत्री कहते हैं कि वह आम आदमी की ज़रूरत को समझते हैं और व्यवस्था परिवर्तन कर रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ उन्होंने हिमकेयर योजना का भुगतान रोक कर प्रदेश के जरूरतमंद मरीजों का इलाज रोक दिया है। प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह चरमरा चुकी हैं।
धर्माणी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हिमकेयर योजना के तहत प्रदेश में 278 अस्पताल पंजीकृत हैं। मुख्यमंत्री हिमकेयर योजना के तहत पिछले तीन साल में 4.85 लाख लोगों से ज्यादा का इलाज किया गया है। नवंबर 2023 तक 78 हजार 365 नए कार्ड भी बने थे। ऐसे में इस योजना का लाभ लोगों का न मिलने पर अब हिमाचल में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई है। हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं अब गरीबों से दूर हो गई हैं जो गरीब और आम आदमी पहले हिमकेयर कार्ड के जरिये महंगे से महंगा ऑपरेशन करवा लेते थे वह अब एक साथ लाखों रुपये का प्रबंध करने को मजबूर हैं। सरकारी अस्पतालों में हिमकेयर कार्ड नहीं चल रहे।प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में तो हालात और भी ज्यादा खराब हो गए हैं। यहां पर हिमकेयर कार्ड पर मरीजों को उपचार नहीं मिल रहा। सबसे ज्यादा दिक्कत तो दिल से ग्रसित मरीजों को आ रही है क्योंकि एक सामान्य ऑपरेशन करने के लिए भी कम से कम 2 से 4 लाख रुपये चाहिए होते हैं। जब तक हिमकेयर कार्ड चल रहा था तो आसानी से मरीजों के ऑपरेशन हो जाते थे, लेकिन अब तीमारदार अपने मरीजों के उपचार करवाने के लिए पैसा इकट्ठा करने को मजबूर हैं। जानकारी के अनुसार हिमकेयर कार्ड की देनदारी लंबित हो गई है। कंपनियों को पैसा नहीं जाने से अब उन्होंने अस्पतालों में फ्री में दवाएं, ऑपरेशन से संबंधित सामान देना बंद कर दिया है, ऐसे में अब लोगों को मजबूरी में बाहर से महंगे दामों में ऑपरेशन का सामान लेना पड़ रहा है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के बीच हिमकेयर योजना के तहत नि:शुल्क इलाज के जरूरतमंद गरीब मरीजों को झटका लगा है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी ने अधिकांश सुपर स्पेशियलिटी विभागों में सर्जरी बंद कर दी है। कारण यह है कि अकेले आईजीएमसी का ही हिमकेयर में 70 करोड़ बकाया हो गया है। इसलिए दवाएं और सामान सप्लाई करने वाली कंपनियां और उधारी झेलने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि कार्डियोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी, सर्जरी और ऑर्थो जैसे बड़े विभागों में जहां स्टंट इत्यादि मेडिकल डिवाइस प्रयोग होते हैं, वहां अब नि:शुल्क सर्जरी बंद कर दी गई है। यदि पूरे प्रदेश की बात करें, तो हिमकेयर में 300 करोड़ से ज्यादा का बकाया बताया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने विधानसभा के बजट सत्र में कहा था कि 31 मार्च से पहले लंबित भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन यह भुगतान नहीं किया जा सका। राज्य सरकार ने नए वित्त वर्ष के बजट में हिमकेयर के लिए 300 करोड़ का प्रावधान तो किया है, लेकिन इससे ज्यादा पैसा पिछले साल का ही बकाया है। आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. राहुल राव ने बताया कि हिमकेयर के तहत मरीजों को सिर्फ उपलब्ध दवाएं ही दी जा रही हैं। यह योजना अस्पताल में दाखिल होने पर ही प्रभावित होती है, क्योंकि बकाया 70 करोड़ से ऊपर चला गया है, इसलिए सुपर स्पेशियलिटी विभागों में सर्जरी रोकनी पड़ी है। इस स्कीम में कुछ बदलाव की भी जरूरत है। आईजीएमसी ने सारा फीडबैक सरकार को दे दिया है।
टौणीदेवी सहित प्रदेश के अन्यत्र स्थानों पर डायरिया के प्रकोप पर बोलते हुए धर्माणी ने इसे सरकार का कुप्रबंधन करार देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य खंड टौणी देवी के तहत डायरिया थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को क्षेत्र में 82 नए केस डायरिया के सामने आए हैं। अब प्रभावितों की संख्या 350 के पार हो चुकी है। लगभग यही स्थिति कुछ समय पहले सोलन में थी। गत वर्ष खुद मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में डायरिया फैला था। क्या सरकार सोई हुई है। आम जनता से उसको कोई सरोकार नहीं है। स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टर नहीं मिलते मुफ्त ईलाज बंद कर दिया। कुर्सी बचाने और सत्ता सुख भोगने तक सरकार सीमित है।
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