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देसी और जंगली मुर्गे में पहले खुद फर्क समझें भाजपा विधायक”: क़ीमटा।

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देसी और जंगली मुर्गे में पहले खुद फर्क समझें भाजपा विधायक”: क़ीमटा।

 

शिमला : आज विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा विधायकों द्वारा किए गए ‘मुर्गा प्रदर्शन’ पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रजनीश कीमटा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन प्रदर्शन तथ्यों पर आधारित होना चाहिए। विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए कोई मुद्दे नहीं बचे है इसलिए उनको विधानसभा के इतने महत्वपूर्ण सत्र के दौरान भी सिर्फ देसी मुर्गा ही मिला एक मुद्दा उठाने के लिए।

कीमटा ने स्पष्ट किया कि कुपवी दौरे के दौरान ग्रामीणों द्वारा परोसा गया मुर्गा जंगली नहीं बल्कि देसी मुर्गा था, जिसे स्थानीय लोग अपने घरों में पालते हैं और ग्रामीण इलाकों में अक्सर लोगों के घरों के आसपास देखने को मिलते है। उन्होंने कहा, “हैरानी की बात यह है कि भाजपा के नेता खुद हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के घरों में पारंपरिक तरीके से पाले जाने वाले देसी मुर्गे की तस्वीरें हाथों में उठाए हुए हैं, लेकिन नारे जंगली मुर्गे के लगा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष अगर चाहे तो वो अपने विधायकों के साथ कुपवी आए हम उनका भी स्वागत और आथित्य सत्कार करेंगे और आकर खुद देखे कि जिस मुर्गे की फोटो उन्होंने और उनकी पार्टी के विधायकों ने अपने हाथों में उठाई हुई है बिल्कुल वैसे ही मुर्गे उन्हें कुपवी के विभिन्न गांव में ग्रामीणों द्वारा अपने घरों में पाले हुए मिल जाएंगे। इसलिए जब भाजपा विधायकों को देसी और जंगली मुर्गे में अंतर तक नहीं पता, तो प्रदर्शन किस बात पर हो रहा है?”

उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों की परंपराओं का सम्मान करते हुए कहा कि हिमाचल की देव भूमि में अतिथियों का स्वागत दिल से किया जाता है। दुर्गम और ग्रामीण इलाकों में घरों में पाले गए बकरे और मुर्गे अक्सर अतिथियों के लिए परोसे जाते हैं। कुपवी में भी यही परंपरा निभाई गई थी। उन्होंने कहा कि वहां परोसा गया मुर्गा देसी था, जिसे ग्रामीण ‘जंगली मुर्गा’ भी कहते हैं क्योंकि ये दिन में खुले में रहते हैं और पौष्टिक आहार चुनते हैं।

संगठन महासचिव ने आरोप लगाया कि भाजपा ने वीडियो को काट-छांटकर सोशल मीडिया और मीडिया में फैलाया, वीडियो के जिस भाग में इस बात का जिक्र किया गया था कि स्थानीय भाषा में घरों में पाले गए देसी मुर्गे को जंगली मुर्गा बोलते है उसे काट दिया गया जिससे ग्रामीणों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष सस्ती लोकप्रियता के लिए ग्रामीण इलाकों और उनकी परंपराओं को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में पंचायत ने शिकायत दर्ज करवाई है और यह उनका निजी निर्णय है। सरकार या कांग्रेस पार्टी ने किसी के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। उन्होंने कहा, “पंचायत के प्रधान ने अपने क्षेत्र की छवि को खराब करने के प्रयासों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, और यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। सरकार या कांग्रेस पार्टी इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर रही है।”

उन्होंने विपक्ष से अपील करते हुए बताया कि राजनीति में स्वस्थ संवाद और तथ्य आधारित चर्चा को प्राथमिकता दें। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अगुआई में कांग्रेस सरकार दुर्गम और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और उनकी परंपराओं के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।

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