चौपाल उपमंडल में लोकसभा चुनावों को लेकर क्या कहते है वोटर।
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चौपाल उपमंडल में लोकसभा चुनावों को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया नज़र आई।
गिरीश ठाकुर।
न्यूज़ टुडे हिमाचल 18 मई चौपाल:
1: इसबार चुनाव प्रचार के तौरतरीकों में काफी बदलाव आया है सोशल मीडिया के ज़रिए प्रचार व वोटरों को जागरूक करने में आसानी हुई है वहीं नेताओं द्वारा प्रचार के दौरान एकदूसरे पर अभद्र टिपणियां राजनीति के स्तर को गिरा रही है। वोटिंग के लिए विकास से जुड़े मुद्दे ही पैमाना होना चाहिए। मुकाबला काफी कड़ा रहने की संभावना है।
2: समय के साथ प्रचार के तौरतरीकों में बदलाव स्वभाविक है, वही चुनाव प्रचार के दौरान जन सरोकार के मुद्दे नजर नही आए। मतदान के लिए क्षेत्र का विकास ही पैमाना होगा। सोशल मीडिया के कैम्पेन से मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है जो निर्णायक होगा। वोटर के लिए मुकाबला आसान या मुश्किल नही होता, वोटर केवल यही सोचता है उसका वोट पात्र व्यक्ति को जाए।
3: चुनाव प्रचार के तौरतरीकों में कोई खास बदलाव नही हुआ है पर नेताओ की शब्दावलि में जरूर बदलाव आया है जो लोकतंत्र के लिए घातक है। वही जनसरोकार के मुद्दे कहीं नज़र नहीं आते,चुनाव राष्ट्रवाद, सर्जिकल स्ट्राइक व इज़म जैसे मुद्दों तक सिमट कर रह गया है इस लिए आम मतदाता के लिए आसान नही है।
4: चुनाव प्रचार के तौरतरीकों में बहुत बदलाव हुआ है चुनाव आयोग द्वारा चुनाव में खर्च सिमा तय होने के बावजूद बड़े पैमाने पर धनबल का प्रयोग किया जा रहा है । समाचार पत्रों व चेनलों तथा सोशल मीडिया पर वोटरों को वोट डालने के लिए प्रोत्साहित करने के बजाए, एक व्यक्ति का गुणगान ज़्यादा चल रहा है, विकास व जनसरोकार के मुद्दों पर कोई बात नहीं करता है।
5 चुनाव प्रचार के तौरतरीकों में काफी बदलाव हुआ है सोशल मीडिया के माध्यम से मतदातओं को जागरूक किया जा रहा है जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आवश्यक भी है,परन्तु पूरे चुनाव कैम्पेन के दौरान विकास व जनसरोकार के मुद्दों पर किसी ने भी बात नही की।मतदाता के लिए उसके क्षेत्र का विकास ही वोट का पैमाना हो सकता है इस लिए चुनाव आसान है जो जनसरोकार के मुद्दे उठाएगा क्षेत्र के विकास के लिए प्रयास करेगा जनता उसको आसानी से संसद पहुँचाएगी।
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