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सड़क निर्माण को लेकर लामबंद हुए बौहर के लोग,चुनाव का करेंगे बहिष्कार। 

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सड़क निर्माण को लेकर लामबंद हुए बौहर के लोग,चुनाव का करेंगे बहिष्कार। 

धनदास जंसट्टा

न्यूज़ टुडे हिमाचल 13 मई नेरवा/ लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा कर चुके बौर पंचायत के बाशिंदे गुम्मा-बौर-सुनारली सड़क निर्माण विवाद में चौपाल के विधायक की लोक निर्माण विभाग की मौजूदगी में मध्यस्थता एवं पक्का आश्वासन मिलने के आलावा किसी भी सूरत में चुनाव में मतदान के लिए तैयार नहीं है ! लोगों का साफ़ साफ़ आरोप है कि विधायक द्वारा उन्हें पिछले सात सैलून से मात्र आश्वासन ही मिल रहे हैं ! उपमंडल चौपाल की दुर्गम और दूरस्थ पंचायत बौर के लिए बनने वाली इस सड़क के निर्माण की प्रक्रिया 35 साल पहले 1984 में शुरू हो चुकी है,परन्तु इसका निर्माण डाडल नमक स्थान पर जनवरी माह से रोक दिया गया है ! लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्धारित ट्रैक के अनुसार यह सड़क पंचायत के समीप डोर नमक स्थान से सुनारली,थुनाल्डी,कारोला से होते हुए बौर पंहुचनी थी,परन्तु पंचायत के एक कथित प्रभावशाली गुट द्वारा अपने प्रभाव से इस सड़क का रुख डोर से डाडल की तरफ करवा दिया गया ! इसके बाद इस सड़क के निर्माण में विवाद शुरू हो गया,क्योंकि लोक निर्माण विभाग द्वारा तय ट्रैक से यह उक्त चार गाँव को तो लाभान्वित करती थी,परन्तु बदले गए ट्रैक के आधार पर उक्त चारों गाँव सड़क सुविधा से वंचित हो रहे हैं ! लोगों का आरोप है कि ट्रैक बदलने पर जहां से यह सड़क निकाली जा रही है उससे पंचायत के किसी भी गाँव को कोई फायदा नहीं होगा व पंचायत वासियों की सड़क से जुड़ने की ऊमीदें पूरी नहीं हो पाएंगी ! इसके आलावा जिस स्थान से इस सड़क को अब निकाला जा रहा है वह स्थान पक्का ढांक है व इसकी कटिंग करने पर न केवल इसकी लागत कई गुना अधिक बढ़ जाएगी,बल्कि इसके पत्थर नेरवा पांवटा मार्ग तक पंहुच कर कोई बड़ा नुक्सान भी कर सकते है ! यही वजह है कि इस सड़क का निर्माण कार्य पिछले कई सालों से लटका पड़ा है ! पंचायत के हालात ऐसे हैं कि यदि किसी मरीज को पालकी से सड़क तक पंहुचाना हो तो चार घंटे का समय लग जाता है ! ऐसे में बीते समय में कई मरीज तो रास्ते में ही दम तोड़ चुके हैं ! बंसी राम व प्रेम सिंह ने बताया कि कुछ वर्ष पहले पेट दर्द से जूझ रहे स्थानीय निवासी बीजा राम जोकि आईपीएच का कर्मचारी था उसकी पेटदर्द की वजह से व एक 24 वर्षीय युवक रमेश जोकि पैर फिसलने की वजह से घायल हो गया था उसकी मौत समय पर उपचार न मिल पाने की वजह से अस्पताल ले जाते रास्ते में ही हो गई थी ! दिलचस्प पहलु यह है कि बौर पंचायत भाजपा बाहुल पंचायत है व प्रदेश में भाजपा सरकार की सत्ता के दौरान इस पंचायत के लोगों द्वारा चुनावों के बहिष्कार की घोषणा सरकार व चौपाल में सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं पर सवालिया निशान खड़े करता है ! पंचायत के लोगों ने दो टूक चेतावनी दी है कि यदि 18 मई तक उन्हें कोई पका आश्वासन नहीं मिलता है तो वह 19 मई को होने वाले लोक सभा चुनाव में हरगिज भी मतदान नहीं करेंगे ! बौर पंचायत के बाशिंदों नाग चंद,देइ सिंह,साधु राम,अमर सिंह,भगत राम,बंसी राम.प्रेम सिंह,हरी चंद,दौलत राम,चेत राम,विक्रम व रत्न लाल ने बताया कि सरकार के प्रति उनकी नाराजगी जानने का प्रयास किया तो सभी का एक ही कहना था कि उन्हें पिछले सात सालों से आज तक आश्वासनों के सिवा कुछ भी हासिल नहीं हो पाया है,जिस वजह से वह सरकार व स्थानीय विधायक से नाराज है ! इन लोगों का कहना है कि चौपाल के विधायक बलवीर सिंह वर्मा जब पहली बार 2012 विधान सभा चुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी बौर पंचायत में वोट मांगने आये थे तो उन्हों ने आश्वासन दिया था कि वह जब अगली बार बौर आएंगे तो गाड़ी में आएंगे लोगों का आरोप है कि विधायक दूसरी बार भी सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक बन चुके है,परन्तु इन सात सालों में विधायक से कोरे आश्वासनों के सिवा उन्हें कुछ भी नहीं मिला है,जबकि विधायक दोनों पक्षों को बैठा कर व विभाग को आवशयक निर्देश देकर इस मसले को हल का सकते थे ! इन लोगों का एक ही तर्क है कि यदि विधायक अभी भी दोनों पक्षों को आमने सामने बैठा कर व विभाग के अधिकारीयों को साथ लेकर इस विषय में मध्यस्थता कर सड़क के निर्माण का रास्ता साफ़ करने की पहल करें तो यह मसला हल हो सकता है,परन्तु विधायक इस मामले में कोई भी रूचि नहीं ले रहे हैं !

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