हिंदी दिवस के अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा गेयटी में कार्यक्रम आयोजित।
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हिंदी दिवस के अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा गेयटी में कार्यक्रम आयोजित।
न्यूज़ टुडे हिमाचल शिमला 14 सितम्बर:
हिन्दी दिवस के अवसर पर ही हिन्दी में कार्य करना उचित नहीं बल्कि पूरे साल भर सभी कार्यालयों, स्कूलों व कालेजों में हिन्दी में कार्य किया जाना चाहिए। यह विचार आज शिक्षा, विधि एवं संसदीय मामले मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा गेयटी में आयोजित राज्य स्तरीय ‘‘राजभाषा पुरस्कार वितरण’’ समारोह में व्यक्ति किए।
उन्होंने बताया कि हिन्दी एवं संस्कृत जिस रूप में बोली जाती हैं उसका एक ही अर्थ निकल कर हमें प्राप्त होता है। इसलिए आज के समय में हिन्दी एवं संस्कृत को सबसे ज्यादा वैज्ञानिक भाषा माना जाता है।
उन्होंने बताया कि 14 दिसतम्बर,1949 को संविधान सभा ने एकमत से हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिए जाने का निर्णय लिया गया तथा 1950 में संविधान के अनुच्छेद 343(1) के द्वारा हिन्दी को देवनागरी लिपि में राजभाषा का दर्जा मिला। इसके साथ हिमाचल प्रदेश में 1977 में शांता कुमार की सरकार ने निर्णय लिया कि सभी कार्यालयों में हिन्दी भाषा में काम किया जाए जिसके बाद प्रदेश में हिन्दी को राजभाषा घोषित किया तथा इसके बाद वर्तमान जय राम सरकार ने संस्कृत को प्रदेश की द्वितीय राजभाषा घोषित की।
इस अवसर पर उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा कार्य हिन्दी में कार्यकरने को कहा ताकि अंग्रेजी के प्रति बनी मानसिकता को खत्म किया जा सके। जितना अधिक हिन्दी का प्रयोग देश में किया जाएगा उससे राष्ट्र का स्वाभीमान और ज्यादा बढ़ जाता है।
उन्होंने बताया कि देश में अलग- अलग स्थानों पर लोग रहते हैं लेकिन आज भी एक ही भाषा से जुड़े हुए हैं। देश के हर एक कोने में हिन्दी सिनेमा को देखा जाता है जिस से हिन्दी का प्रचार प्रसार बढ़ता जा रहा है। हिन्दी देश में सर्वमान्य भाषा है इसलिए हिन्दी को राजकीय व राष्ट्रीय भाषा माना जाता है। हिमाचल प्रदेश भी एक हिन्दी भाषी राज्य है व प्रदेश में दिन प्रतिदिन हिन्दी का प्रचलन बढ़ रहा है।
इस अवसर पर उन्होंने भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित भाषण, निबंध लेखन, कविता पाठ एवं प्रश्नोत्री प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। यह प्रतियोगिताऐं अंतर विद्यालय एवं अंतर महाविद्यालय स्तर पर करवाई गई थी।
शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न स्कूल व कालेज के छात्रों को सम्मानित किया व विभिन्न कार्यालयों के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा हिन्दी में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया।
इस अवसर पर भाषा एवं संस्कृति विभाग की निदेशक, कुमुद सिंह, सहायक निदेशक त्रिलोक सूर्यवंशी व जिला भाषा अधिकारी अलका कैंथला, विभिन्न स्कूलों व कालेजों के विजेता छात्र, विजेता अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।
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