चौपाल:सिंचाई विभाग में आउटसोर्सिंग के माध्यम से हुई नियुक्तियों पर चौपाल अनुसूचित जाति संगठन ने उठाए सवाल।
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चौपाल:सिंचाई विभाग में आउटसोर्सिंग के माध्यम से हुई नियुक्तियों पर चौपाल अनुसूचित जाति संगठन ने उठाए सवाल।
गिरीश ठाकुर
न्यूज़ टुडे हिमाचल 6 दिसंबर चौपाल: सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग के माध्यम से की गई नियुक्तियों पर अनुसूचित जाति संगठन चौपाल सवाल खड़े किए है संगठन का कहना है कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में आउट सोर्सिंग के माध्यम से की गई 40 नियुक्तियों में अनुसूचित जाति के केवल 3 लोगों को नियुक्ति मिली है जबकि 15% के हिसाब से 6 नियुक्तियां की जानी चाहिए थी जबकि विभाग व आउट सोर्सेस करने वाली कंपनी ने आरक्षण के इस पहलू को नजरअंदाज करते हुए अनुसूचित जाति के मात्र तीन लोगों को ही नियुक्तियां दी। संघ के अध्यक्ष डीडी जस्टर ने कहा की अनुसूचित जाति संगठन इस तरह की नियुक्तियों का विरोध करता है तथा इस तरह से की गई नियुक्तियों से साफ जाहिर होता है के आज आरक्षण को समाप्त करने की प्रक्रिया की पहल शुरू हो चुकी है। असंवैधानिक तरीकों से किए जा रहे सभी फैसलों का संगठन पुरजोर विरोध करता है।VID-20191206-WA0017VID-20191206-WA0017
प्राप्त जानकारी के अनुसार बेलदार के 22 पद, पंप ऑपरेटर के 12 पद, फिटर के 5 पद और चौकीदार का 1 पद भरा गया है ।
इस अवसर पर अनुसूचित जाति संगठन के फाउंडर मेंबर और निदेशक महिला कल्याण एवं सेवा समिति के निदेशक केशवराम लोथटा, महिला मोर्चा अध्यक्ष रमला रानटा ,प्रधान ग्राम पंचायत नेरवा आत्माराम, डोगरा प्रधान कोली समाज हरिचंद डोगरा, महासचिव कोली समाज धनीराम डोगरा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष कोली समाज रतन लोटा ,पूर्व प्रधान एवं बीडीसी पांशु राम ,वर्तमान बीडीसी चेयरमैन प्रकाश डोगरा ,अध्यक्ष एससी मोर्चा कृपाराम पिस्टा, अध्यक्ष अनुसूचित जाति संगठन डी डी जस्टा ,महासचिव अनुसूचित जाति संगठन जीत सिंह नेहटा, भगत राम ,लाइक राम नोकटा, सोहन जस्टा ,वीर सिंह ,श्याम सिंह, भागमल रंटा, रोशन जस्टा, हीरा सिंह तिलटा, उप प्रधान गोविंद नारटा,सुरेश पवार ,अंकुश करालटा,प्रकाश कश्यप, नंदलाल भारती ,रमेश नारटा व ,वह उपस्थित सभी सदस्यों ने इस तरह के रवैए पर चिंता जाहिर की और कहा आखिर कब तक हम इस राजनीति और भेदभाव का शिकार होते रहेंगे ।इसके लिए सभी को मिलकर आवाज बुलंद करनी होगी और अगर हमारे अधिकारों का हनन होता है ,तो हमें संवैधानिक उपचारों के अधिकार द्वारा वर्णित अधिकारों की रक्षा के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाना होगा।
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