ज़िले में केवल प्रारंभिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 442 पद रिक्त, छात्रों के भविष्य से खिलवाड़।
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ज़िले में केवल प्रारंभिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 442 पद रिक्त, छात्रों के भविष्य से खिलवाड़।
गिरीश ठाकुर
न्यूज़ टुडे हिमाचल 12 दिसंबर चौपाल:प्रदेश की राजधानी शिमला मॆ इस समय सेंकडो पद शिक्षकॊ के खाली चल रहे है ! वही दर्जनों ऐसे विद्यालय है जहाँ स्टाफ की कमी के कारण बच्चो का भविष्य दाव पर लगा है ! जिसकी ना तो सरकार कॊ कोई चिंता है ना ही प्रशासन कॊ ! बात यदि शिक्षा विभाग की की जाये तो सरकार मॆ शिक्षा मंत्री भी इसी जिले से है शिमला जिला के भीतर कई ऐसे विद्यालय है जहाँ पर कई वर्षों से अध्यापक ही नही है !
वही इस विषय मॆ युवा समाजिक कार्यकर्ता विशाल चौहान ने प्रारम्भिक शिक्षा निर्देशालय से सूचना माँगी गई तो प्रारम्भिक शिक्षा निर्देशालय द्वारा दी गई सूचना के अनुसार 442 पद जिला शिमला मॆ शिक्षकों के खाली चल रहे है ! जिसमे भाषा अध्यापक 39 , शास्त्री 138, कला अध्यापक 121, शारारिक शिक्षक 119, गृह विज्ञान 14, पंजाबी भाषा अध्यापक 1, उर्दू अध्यापक 10 पद रिक्त चले है ! वही इस विषय मॆ विशाल चौहान का कहना है की इसके अतिरिक्त उच्च शिक्षा निर्देशालय के अन्तर्गत जो पद आते है उसकी संख्या भी सेंकडो मॆ हो सकती है ! यदि जिला शिमला के रामपुर , चौपाल , रोहडू की की जाये तो यहाँ पर दर्जनों ऐसे विद्यालय है जहाँ शिक्षकों की कमी चल रही है ! कई ऐसे भी विद्यालय है जहाँ एक दो अध्यापकॊ के साहरे विद्यालय चल रहे है ! शिक्षकों की कमी के विषय मॆ ना तो शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी ध्यान देते है ना ही कोई अध्यापक संघ ! इसका मुख्य कारण ये है की आज सरकारी विद्यालय मॆ केवल गरीब लोगो के बच्चे पढ़ रहे है ! सरकारी विद्यालय मॆ कार्यरत अध्यापक भी अपने बच्चो कॊ शिक्षकों की कमी के कारण निजी विद्यालय मॆ पढ़ाते है सरकारी विद्यालय मॆ वही बच्चे पढ़ते है जो निजी विद्यालय का खर्च नही उठा सकते। गरीब बच्चो की शिक्षा बिना अध्यापक के भगवान भरोसे चल रही है !
युवा सामाजिक कार्यकर्ता विशाल चौहान ने शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री से माँग की है की प्रदेश मॆ सरकारी स्कूलों मॆ पड़े शिक्षकों के पदों कॊ जल्द भरा जाये ताकि बच्चो का भविष्य अध्यापकों की कमी के कारण खराब ना हो।

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