बर्फ की चांदी से लवरेज हुआ चवासी टिब्बा।
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बर्फ की चांदी से लवरेज हुआ चवासी टिब्बा।
राज सोनी
न्यूज़ टुडे संवाददाता करसोग,14 दिसंबर: समुद्र तल से 2700 मी० की उंचाई पर स्थित छ: पंचायतो का मुकुट स्थल है चवासी टिब्बा। जहाँ से आप शिमला, जलोरी दर्रा, किन्नौर की उंची चोटियाँ और नारकण्डा आदि स्थानों का दिदार कर सकते हैं। यहाँ से आप सतलुज नदी का विंह्मय दृश्य देख सकते है।चवासी टिब्बे में इस मौसम की पहली बर्फबारी हो गई है। जिससे मानो ऐसा लग रहा है कि चवासी टिब्बा चांदी के मुकुट में सज चुका है और साहसिक पर्यटन के लिए एक बेहतरीन स्थान साबित हो सकता है। फिलहाल यहाँ 10 इंच तक बर्फबारी हो चुकी है जो आने बाले समय में और बढ सकती है।
चवासी क्षेत्र के युवा समाज सेवी जय प्रकाश(पकंज)ने सभी से आग्रह किया है कि फुरसत के चन्द पल आप सभी यहाँ व्यतीत कर सकते हैं और पैदल ट्रेकिंग का आप सभी भरपूर आंनद ले सकते है।यह श्रदालुओं का आस्था का केंद्र है।बर्ष के लगभग चार महीने यहाँ बर्फ रहती है। यहाँ की आवो हवा और प्रकृति मानों आदमी को यहीं का बना लेती है।
यहाँ तक आप सभी करसोग से कताण्डा बस और निजी वाहन से पहुँच सकते है। कताण्डा से पैदल मार्ग से ‘सह’ (समतल स्थान) होते हुए रोखडु , बानीधार से चबासी टिब्बा पहुँच सकते हो। रास्ते में देवदार, क्याल, खरशु,महरु, बान, रई,तौस जैसे कई पेड़ों और जडी-बुटी युक्त वनस्पतियाँ देखने को मिलेगी।और सेब 🍎 के बगीचे आपको यहीं का होने पर विवश कर देगें। रात्रि ठहराव के लिए भी यहाँ मन्दिर कमेटी ने यहाँ कुछ व्यवस्था कर दी है।
जय प्रकाश ने कहा कि इस स्थान पर बर्फ से सम्बन्धित खेलों की भी अपार सम्भावनायें है। इन विषयों को सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। और चवासी टिब्बे को खुबसूरत पर्यटन स्थल बनाने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
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