महिला व दलित विरोधी है विधायक चौपाल : धीरेंद्र चौहान। विधायक वर्मा अनुसूचित जाति के लोगों को केवल एक वोट बैंक के तौर पर करते इस्तेमाल हैं।
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महिला व दलित विरोधी है विधायक चौपाल : धीरेंद्र चौहान।
विधायक वर्मा अनुसूचित जाति के लोगों को केवल एक वोट बैंक के तौर पर करते इस्तेमाल हैं।
गिरीश ठाकुर
न्यूज़ टुडे हिमाचल 5 अगस्त चौपाल:
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव धीरेंद्र चौहान ने प्रदेश की नगर पंचायतों व नगर परिषदों में हाल ही में हुए मनोनयन पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया की नगर पंचायतों तथा नगर परिषदों में इन मनोनयनो में मुख्य मंत्री ने महिलाओं व अनुसूचित जाति की घोर उपेक्षा की है तथा केवल खानापूर्ति के लिए महिलाओं तथा अनूसूचित जाति समाज के इक्का दुक्का लोगों को मनोनीत किया है। इससे भारतीय जनता पार्टी का दलित तथा महिला विरोधी चेहरा लोगों के सामने आ गया है।
उन्होंने चौपाल के विधायक बलबीर सिंह वर्मा को भी इन वर्गों के साथ अन्याय करने के लिए आड़े हाथों लिया है। उन्होंने भाजपा विधायक की नगर पंचायत चोपाल व नगर पंचायत नेरवा में सामान्य व अनुसूचित जाति वर्ग से किसी भी महिला को प्रतिनिधित्व न देने पर कड़ी निन्दा की है। उन्होंने कहा की चोपाल की नगर पंचायतों में जब मनोनयन की बात आई तो बलबीर सिंह वर्मा ने अनुसूचित जाति के एक भी व्यक्ति को मनोनीत नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया की विधायक वर्मा अनुसूचित जाति के लोगों को केवल एक वोट बैंक के तौर पर देखते हैं जिनकी याद उन्हें केवल चुनावों में ही आती है।
गौर तलब है कि चोपाल में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 17 %है तथा कुल मतों में महिलाओं कि हिस्सेदारी 47 %है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी चौपाल मंडल के महिला मोर्चा व अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष भी इस भेदभाव में विधायक के साथ बराबर के भागीदार है । धीरेंद्र चौहान ने भाजपा के महिला मोर्चा व अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्षों का आवाहन करते हुए कहा की उन्हें विधायक द्वारा किए गए इस मनमाने मनोनयन के विरुद्ध अपनी आवाज उठानी चाहिए ।
उन्हें विधायक बलबीर सिंह वर्मा पर नगर पंचायत चोपाल तथा नगर पंचायत नेरवा में महिलाओं व अनुसूचित जाति के लोगों को प्रतिनिधित्व न मिलने के कारण वर्तमान मनोनयन को नए सिरे से करवाने का दबाव बनाना चाहिए जिससे की महिलाओं व अनुसूचित जाति से हुए इस अन्याय को रोका जा सके।
यदि महिला मोर्चा व अनुसूचित जाति मोर्चा के पदाधिकारी अपने अपने वर्गों को चोपाल विधानसभा की नगर पंचायतों में मनोनीत करवाने में असफल रहते हैं तो उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं तथा उन्हें इस भेदभाव की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पदों से त्यागपत्र दे देना चाहिए।
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