आंगनवाड़ी यूनियन का 22 से हलाबोल।
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आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन का हल्ला बोल।
न्यूज़टुडे हिमाचल।
21 अक्टूबर: आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हेल्पर्ज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू का जिला शिमला सम्मेलन सीटू कार्यालय किसान मजदूर भवन चितकारा पार्क लोअर कैथू शिमला में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में लगभग 100 आंगनबाड़ी कर्मियों ने भाग लिया। सम्मेलन में सीटू जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा,जिलाध्यक्ष बिहारी सेवगी,राज्य कोषाध्यक्ष रमाकांत मिश्रा,जिला सचिव बाबू राम विशेष रूप से उपस्थित रहे।
सम्मेलन में 31 सदस्यीय जिला कमेटी का गठन किया गया जिसमें पिंगला गुप्ता को जिलाध्यक्ष,खीमी भंडारी को जिला महासचिव व हरदेई को कोषाध्यक्ष चुना गया। आशा,राधा,मीना मेहता व मीनाक्षी को जिला उपाध्यक्ष तथा हिमी,रेणु,रीता,लता व सुभद्रा को जिला सचिव चुना गया। इशरा,आशा,कांटा,लता,सीमा,संतोष,मीरा,रीना,रोशनी,सुलोचना,सुनीता,प्रभा,शारदा,संजीता,मीना,ललिता,करुणा व मंशा को कमेटी सदस्य चुना गया।
सम्मेलन का उद्घाटन सीटू जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा व समापन जिलाध्यक्ष बिहारी सेवगी ने किया। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए सीटू जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार की आंगनबाड़ी विरोधी नीतियों के खिलाफ आँगनबाड़ी कर्मी हल्ला बोलेंगे व 22 से 27 अक्तूबर 2018 को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में विशाल प्रदर्शन करेंगे। इस कड़ी में शिमला जिला में 22 अक्तूबर को शिमला,23 अक्तूबर को ठियोग,25 अक्तूबर को बसन्तपुर व कुमारसैन,26 अक्तूबर को रामपुर व ननखड़ी प्रोजेकटों द्वारा डीसी ऑफिस शिमला के बाहर धरने प्रदर्शन किए जाएंगे तथा केंद्र व प्रदेश सरकारों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। उन्होंने कहा कि 11-12 नवम्बर को आंगनबाड़ी यूनियन का राज्य सम्मेलन शिमला के कालीबाड़ी में होगा जिसमें प्रदेश के सभी जिलों से सैकड़ों आंगनबाड़ी कर्मी भाग लेंगे व प्रदेशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय करेंगे।
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार जनविरोधी निर्णय ले रही है तथा आंगनबाड़ी वर्करों के मानदेय में 1500 रुपये व हेल्परों के मानदेय में 750 रुपये बढ़ोतरी ऊंट के मुंह में जीरा डालने जैसा है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी से ली जाने वाली छः मुख्य सेवाओं को आहिस्ता आहिस्ता खत्म करके उनके रोजगार पर हमला किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
आंगनबाड़ी यूनियन राज्याध्यक्ष खिमी भंडारी ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेशभर के प्राइमरी स्कूलों में प्री नर्सरी शुरू कर रही है व आंगनबाड़ी कर्मियों के रोजगार पर हमला कर रही है। इस से आंगनबाड़ी केंद्रों के अस्तित्व पर सवाल खड़ा हो जाएगा व 38 हज़ार आंगनबाड़ी कर्मियों के रोजगार पर हमला होगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि प्री नर्सरी कक्षाएं आंगनबाड़ी केंद्रों में ही चलाई जाएं व आंगनबाड़ी वर्करों को ही यह जिम्मेदारी दी जाए। उन्होंने मांग की कि हर महीने किसी भी माता अथवा बच्चे का जन्मदिन मनाने की योजना के लिए प्रति व्यक्ति मिलने वाली 250 रुपये की राशि बेहद कम है व इसे बढ़ाकर कम से कम एक हज़ार रुपये किया जाए। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि हरियाणा व केरल की तर्ज़ पर हिमाचल में आंगनबाड़ी कर्मियों को 12 हज़ार रुपये वेतन दिया जाए। उन्होंने मांग की कि मिनी आंगनबाड़ी वर्कर को भी आंगनबाड़ी कर्मी की तर्ज़ पर पूर्ण वेतन दिया जाए। उन्होंने चेताया है कि अगर आंगनबाड़ी कर्मियों की मांगें शीघ्र पूरी न की गईं तो आंदोलन तेज होगा।
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