वेतन विसंगति को लेकर प्रदेश सयुंक्त कर्मचारी महासंघ ने चेताया, 20 फरवरी तक मांगे नहीं मानी गई तो करेंगे संघर्ष।
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वेतन विसंगति को लेकर प्रदेश सयुंक्त कर्मचारी महासंघ ने चेताया, 20 फरवरी तक मांगे नहीं मानी गई तो करेंगे संघर्ष।
न्यूज़ टुडे हिमाचल बीयूरो 15 फ़रवरी शिमला:
वेतन विसंगति को लेकर आज हिमाचल प्रदेश सयुंक्त कर्मचारी महासंघ ने त्रुटियों को उजागर किया और 15% वृद्धि वाले विकल्प से होने वाले नफा नुकसान के बारे में कर्मचारियों को जागरूक करने का प्रयास किया है, जिसमें पूरे तथ्यों सहित आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं कि कितने कर्मचारियों को किस किस तरह से इस 15% के विकल्प से फायदा होगा या नहीं होगा।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान और महासचिव हीरालाल वर्मा ने बताया कि 15:00 पर्सेंट वाला विकल्प केवल 5910 के पे बैंड वाले कर्मचारी ही ऑप्ट कर पाएंगे और यही वह वर्ग है जिसे रिकवरी लग रही थी लेकिन इस नोटिफिकेशन के माध्यम से सरकार ने यह तो साफ कर दिया कि किसी तरह की एरियर कर्मचारियों को नहीं दिया जाएगा लेकिन इस संदर्भ में कुछ भी नहीं बताया गया कि क्या इनकी रिकवरी भी माफ कर दी जाएगी जो कि एक बहुत बड़ा चिंतनीय विषय है। इस पर महासंघ ने अपनी चिंता व्यक्त की और सरकार से मांग की कि रिकवरी के बारे में सरकार स्पष्ट करें साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि इस 15% के विकल्प से कौन सा कर्मचारी पंजाब से कितना पीछे अभी भी चल रहा है। बहुत से वर्गों को तो 15 पर्सेंट की कैलकुलेशन से सरकार द्वारा अपने 3 जनवरी के नोटिफाइड वेतन आयोग अनुसार 4000 से 5000 तक इनिशियल में और पीछे जा रहा है।इसका मतलब हुआ कि इससे फायदा के बजाय नुकसान ज्यादा हो रहा है। उदाहरण के लिए अगर एक लेक्चरर की बात की जाए जिसका पंजाब में 15 पर्सेंट के साथ इनिशियल वेतनमान 1-1- 16 की तिथि में ₹49900 बनता है वही हिमाचल में जो इनिशियल रखा गया है वह 43000 है जब यह गणना 15% के अनुसार की जाए तो केवल मात्र ₹35517 ही बन रहे हैं इसका मतलब यह हुआ कि इस स्थिति में कर्मचारियों को फायदे के बजाय नुकसान हो रहा है तो हम कह सकते हैं कि कर्मचारी इस पंद्रह पर्सेंट के विकल्प को नहीं चुन पाएंगे कारण यह है कि जब तक कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर 1-10-2011 से इनिशियल स्टार्ट और 2 साल का राइडर खत्म नहीं किया जाएगा तब तक इसका फायदा नहीं होने वाला है और ना ही हम पंजाब के समरूप हो सकते हैं और वेतनमान को पंजाब के संदर्भ में लागू करना है तो हमें बराबरी करनी आवश्यक है यही नियम और नीति बताती है।
उन्होंने चेताया है कि यदि 20 फरवरी तक मांगे नहीं मानी गई तो करेंगे संघर्ष, इसकी शुरुआत 20 फरवरी को मंडी से की जाएगी। जिसमें हजारों कर्मचारी सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करेंगे उसके बाद 21 को कांगड़ा और 22 को चंबा में पहले फेस के कार्यक्रम रखे गए हैं। उसके बाद जरूरत हुई तो विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा।
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