गरीबो के लिए मसीहा बनी- मीरा आचार्य।
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गरीबो के लिए मसीहा बनी- मीरा आचार्य।
विनोद चड्ढा कुठेड़ा बिलासपुर
खुद के लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन दूसरों के नाम अगर जिंदगी समर्पित कर दी तो जीना इसी का नाम है।आज हम बात कर रहे है कुल्लू जिला के नगर की समाजसेविका मीरा आचार्य की जो सभी सामाजिक जरूरतों को समझते हुए जब-जब जैसी चुनौतियां सामने आई, उन्होंने वही रुख अख्तियार कर लिया।
बहुमुखी प्रतिभा की धनी इस महिला का नाम मीरा आचार्य है। दो दशकों से जागरूकता और विकास परक गतिविधियों से जुड़ी मीरा आचार्य समाज की महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। उनके सामाजिक योगदान के लिए कई बार उन्हें विभिन्न पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है। नगर निवासी मीरा आचार्य को देशभक्ति का जज्बा उन्हें अपने शिक्षा काल के दौरान ही स्कूल, कॉलेज स्तर पर उनकी गतिविधियां आदर्श बनता गया। मीरा आचार्य ने सूचना के अधिकार कानून का बेहतर इस्तेमाल किया है। इस प्रक्रिया से मिली जानकारियों के बल पर उन्होंने महिला उत्थान, सामाजिक विकास और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने में भी अपना योगदान दिया है। उनकी सक्रियता को देखकर
उन्हें कई संस्था द्वारा उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।
2019 में उन्हें शिक्षा मंत्री गोबिंद सिंह ने सामाजिक क्षेत्र में अपनी भागीदारी निभाने के लिए बेस्ट बोमन से भी निबाजा गया । उन्होंने मानवाधिकार के क्षेत्र में भी अपनी दिशा तय की। इसके अलावा मीरा आचार्य एंटी करप्शन असिस्टेंट स्टेट चीफ क्राइम कंट्रोल फोर्स गो पुत्र प्रदेश उपाध्यक्ष कार सेवा दल कार सेवा दल की मेंबर व अन्य151 संस्थाओं मैं भाग ले रही है। मीरा आचार्य चाहे गरीब लड़कियों की शादी हो चाहे स्कूल की गरीब लड़कियां की पढ़ाई कर बात हो उनकी फीस वह गोद ली गई बेटियां को पढ़ाना और कई जगह व्हीलचेयर दे कर अपाहिज बच्चों को देना इसके अलाबा चाहे वह पर्यावरण का कार्य हो बो हमेशा हर कार्य में खड़ी रहती है लोगों का कहना है की मीरा आचार्य एक ऐसे शख्स है जो कि हर किसी का दुख दर्द को अपने हृदय से लगा लेती है कभी भी किसी भी टाइम दिन रात 24 घंटे बो
गरीबों के लिए हर वक्त तैयार रहती है। आपको बता दे कि उनके चर्चे हिमाचल में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सुने जाते हैं।
मेरा आचार्य का नाम पर्यावरण प्रेमियों की सक्रियता में भी शुमार है।
नाश मुक्ति अभियान में भी किया नेतृत्व
महिलाओं के साथ मिलकर समाज को नशा मुक्त करने की पहल में भी मेरा आचार्य सक्रिय भूमिका निभाई रही हैं। लगातार शराब मुक्ति हो या नशा मुक्ति की दिशा में चलाए गए अभियानों के माध्यम से उन्होंने कुल्लू शहर में खुलने वाले शराब के एक ठेके को बंद करने पर मजबूर कर दिया।ओर नशा बचने बालो को कानून की सजा दी कर कुल्लू में नशा मुक्त करने का संकल्प लिया
समाज सेवा के प्रयासों को मिला पुरस्कार
मीरा आचार्य को कई सारे पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हे वर्ष 2019 में बेस्ट आरटीआइ एक्टीविस्ट का पुरस्कार मिला था। इसके अलावा समाजोपयोगी कार्यो के लिए बेस्ट कारपोरेशन अवार्ड व समाज रत्न पुरस्कार भी मिल चुका है। जो हिमाचल के लिए एक गर्व की बात है
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