नमस्कार हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 88949 86499 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , वाशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क घटने से हिमाचल में राजनीति तेज। – News Today Himachal

News Today Himachal

Latest Online Breaking News

वाशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क घटने से हिमाचल में राजनीति तेज।

😊 Please Share This News 😊
वाशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क घटने से हिमाचल में राजनीति तेज।

न्यूज़ टुडे हिमाचल ब्यूरो शिमला:

वाशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क 70 फीसदी से 50 फीसदी करने का कांग्रेस सरकार ने विरोध जताया है।
हिमाचल भाजपा के सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा है कि सरकार जनता को बरगलाने की कोशिश कर रही है। जब छह महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार ने सेब आयात शुल्क बढ़ाकर 50 फीसदी किया था, आखिर तब कांग्रेस सरकार ने इसका स्वागत क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा कि जिसे कांग्रेसी सरकार आयात शुल्क बता रही है, वह वास्तव में रीटेलिएटरी टैरिफ (प्रतिशोधात्मक शुल्क) है।

कर्ण नंदा ने कहा कि साल 2018 में इसे लेकर सब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संधि हुई थी, जिसे वापस लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह शुल्क सिर्फ सेब के लिए ही नहीं बल्कि सभी वस्तुओं के लिए है।

कर्ण नंदा ने दावा किया कि बाहरी देश से आने वाला सेब कम से कम 70 रुपए प्रति किलो बिकेगा। इसे हिमाचल प्रदेश के सेब को कोई नुकसान नहीं होगा। करन नंदा ने कांग्रेस से कहा कि सत्ता में आने से पहले एपीएमसी एक्ट को लेकर कांग्रेस के बड़े-बड़े दावे किए थे, बागवानों से वादा किया गया था कि बागवानी वाले इलाकों में कोल्ड स्टोरेज वैन मिलेंगी। अब उसका क्या हुआ?
उन्होंने कहा कि आज भी आढ़तियों के पास बागवान का पैसा फसा हुआ रहे हैं। सरकार को इस बात पर जवाब देना चाहिए, सरकार केवल जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है, जो सरासर गलत है। भारतीय जनता पार्टी का तर्क है कि रीटेलिएटर टैरिफ घटाने से अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंध और अधिक सुदृढ़ होंगे।

यह है पूरा मामला

दरअसल, 2018 में स्टील और एल्युमीनियम पर अमेरिका द्वारा आयात शुल्क लगाए जाने पर भारत सरकार ने अमेरिकी एप्पल समेत 28 वस्तुओं पर 20 प्रतिशत रीटेलिएटरी टैरिफ (प्रतिशोधात्मक शुल्क) लगाया था, जिससे अमेरिकी एप्पल पर आयात शुल्क 50 से बढ़कर 70 फीसदी हो गया था। अब पीएम मोदी ने अमेरिकी यात्रा के दौरान रीटेलिएटरी टैरिफ को वापस लेने का निर्णय लिया है, जो आने वाले 90 दिनों के भीतर लागू हो जाएगा।  साल 2017 में भारत और अमेरिका के बीच 120 मिलियन डॉलर का कारोबार हुआ था। शुल्क में बढ़ोतरी के साथ वाशिंगटन एप्पल के आयात में काफी गिरावट आई, अब वाशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क घटने से कारोबार में बढ़ोतरी होगी।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें 

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

[responsive-slider id=1466]