उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से उनके कार्यालय श्रम शक्ति भवन, नई दिल्ली में की मुलाकात।
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उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से उनके कार्यालय श्रम शक्ति भवन, नई दिल्ली में की मुलाकात।
न्यूज़ टुडे हिमाचल ब्यूरो शिमला:
उप-मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश मुकेश अग्निहोत्री ने आज जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से उनके कार्यालय श्रम शक्ति भवन, नई दिल्ली में मुलाकात की। अग्निहोत्री ने आहवाहन किया कि राज्य जिस भारी प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहा है उसे देखते हुए भारत सरकार को हिमाचल प्रदेश के बचाव के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने माननीय केंद्रीय मंत्री को भारी वर्षा और बादल फटने के कारण राज्य को हुए अभूतपूर्व नुकसान के बारे में अवगत करवाया और बताया कि राज्य में पिछले 10 दशकों में ऐसी त्रासदी नहीं देखी गई उप मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में लगातार भारी वर्षा के कारण बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई जल आपूर्ति योजनाओं, सिंचाई और पानी से संबंधित बुनियादी ढांचे की बहाली के लिए धन की तत्काल आवश्यकता की बात रखी और कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से जल शक्ति विभाग को वर्तमान में लगभग 1630 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है तथा केंद्रीय मंत्री से हिमाचल प्रदेश में क्षतिग्रस्त जल बुनियादी ढांचे की तत्काल बहाली के लिए राज्य को उदार वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया। इसके अलावा जल जीवन मिशन के तहत क्षतिग्रस्त योजनाओं की बहाली और रेट्रोफिटिंग के लिए कम से कम 500 करोड़ रूपये अग्रिम राशि के रूप में जारी करने का आग्रह भी किया। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि जल जीवन मिशन की जो योजनाएं 100 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हो गई हैं उन पर नए सिरे से विचार किया जाना चाहिए और तदानुसार धनराशि जारी की जानी चाहिए।
श्री अग्निहोत्री ने कहा कि बारिश से हालांकि पूरे प्रदेश में नुकसान हुआ है लेकिन सबसे अधिक तबाही जिला कुल्लू, मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा में ब्यास नदी के किनारे देखी गई। प्रदेश द्वारा ब्यास नदी के तटीकरण के लिए 1669 करोड़ रूपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट केंद्रीय जल विद्युत संस्थान (CWPRS) पुणे द्वारा अध्ययन करने के उपरांत तैयार की गई है जो कि वर्तमान में भारत सरकार के केंद्रीय जल आयोग में समीक्षाधीन है। उप-: – मुख्यमंत्री द्वारा केंद्रीय मंत्री से इस परियोजना की जल्द मंजूरी देने का अनुरोध किया ताकि इस क्षेत्र के लोगों की जान-माल की सुरक्षा की जा सके। श्री अग्निहोत्री ने ब्यास नदी के सामरिक महत्व को देखते हुए इसके तटीकरण के महत्व पर जोर दिया क्योंकि कुल्लू मनाली हवाई अड्डा, चण्डीगढ़
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