उप राजिक मोहर सिंह छींटा सेवानिवृत। 40 वर्षों का वन चौकीदार से BO बनने तक रहा संघर्षपूर्ण सफर ।
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उप राजिक मोहर सिंह छींटा सेवानिवृत। 40 वर्षों का
वन चौकीदार से BO बनने तक रहा संघर्षपूर्ण सफर ।
कुपवी भीम सिंह दसाईक
उप राजिक मोहर सिंह छींटा वन विभाग से सेवानिवृत हो गए हैं।वन चौकीदार से BO बनने तक का उनका सफर संघर्षपूर्ण रहा। मोहर सिंह छींटा S/O श्रीरामसा राम का जन्म 27 फरवरी 1966 को गाँव बाग, पोस्ट ऑफिस, मझोंली, तहसील कुपवी, जिला शिमला, हिमाचल प्रदेश में हुआ। उनका चयन हिमाचल प्रदेश वन विभाग में अनियमित चौकीदार के रूप में 3 मार्च 1984 को हुआ। उन्होंनअनियमित चौकीदार के पद पर 14 साल तक कार्य किया, जो उनकी मेहनत और समर्पण की गवाही देता है। इसके बाद, 6 जनवरी 1998 को, उन्हें अपने पद पर रेगुलर होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ
उन्होंने 7 साल तक नियमित ( रेगुलर) चौकीदार के पद पर कार्य किया, जहां उनकी निष्ठा, समर्पण, और अत्याधिक मेहनत ने उन्हें विभाग में विशेष पहचान दिलाई। उनके कर्तव्यों के प्रति निष्ठा देखकर हिमाचल प्रदेश वन विभाग ने उन्हें बतौर वन रक्षक (Forest गार्ड) प्रमोट किया।उन्होंने 17 साल तक वनरक्षक (Forest Guard) के पद पर अपनी लगन और मेहनत के साथ सेवा की, जिसमें 2 जून 2022 को उन्हें वन खंड कांडा व कुलग में बतौर (BO) उप- राजिक के रूप में भी सेवाएं देने का मौका मिला।
हिमाचल प्रदेश वन विभाग में अपनी 40 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद, 29 फरवरी 2024 को श्री मोहर सिंह सेवानिवृत्त हो गए हैं। उनके संघर्ष भरे सफलता की कहानी हमें यह सिखाती है कि छोटे से गाँव का बच्चा भी कठिनाईयों का सामना करके अपने सपनों को पूरा कर सकता है।
मोहर सिंह छींटा के संघर्षों ने उनकी निष्ठा, समर्पण, और मेहनत की कहानी को साकारात्मकता और समृद्धि का उदाहारण बनाया है। उनका योगदान हिमाचल प्रदेश वन विभाग और समाज के लिए अद्वितीय है और उन्हें समृद्धि और सम्मान प्राप्त हो।
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