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चूड़धार में रास्ता भटके चंडीगढ़ के यात्री को पुलिस ने किया रेस्क्यू।

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चूड़धार में रास्ता भटके चंडीगढ़ के यात्री को पुलिस ने किया रेस्क्यू।

चौपाल : जाको राखे साईंया मार सके न कोई बाल बांका न कर सके चाहे जग बैरी होई। यह पंक्तियां उस समय सार्थक हो गई जब चंडीगढ निवासी अंकुश (32 वर्ष) अपने दोस्त सतविंदर सूद निवासी सोलन के साथ चुडधार यात्रा पर जा रहा था। जब वे नोहरधार से पैदल यात्रा कर रहे थे तो तीसरी नामक स्थान पर अंकुश अपने दोस्त से थोडा पीछे रह गया व रास्ता भटक गया। सतविंदर को लगा कि अंकुश उसके पीछे ही आराम से आ रहा होगा परंतु सतविंद्र चुडधार पहुँच भी गया लेकिन इंतजार करने पर भी जब उसका दोस्त नही पहुंचा तो उन्हें चिंता सताने लगी। काफी कोशिश के बाद अंकुश का फोन हो पाया और उसने बताया कि वह रास्ता भटक चुका है व कही दूर जंगल मे बड़ी बड़ी पत्थर की शिलाओ के बीच फंस गया हैं। समय रात के 9 बज गए थे। अंकुश ने इसकी सूचना 112 हेल्पलाइन पर भी दी जिस पर थाना चौपाल द्वारा लापता अंकुश की मोबाइल लोकेशन चुडधार में ड्यूटी पर तैनात आरक्षी अखिल न0 1371 को उपलब्ध करवाई। आरक्षी अखिल कुमार व सतविंदर (अंकुश का दोस्त) को साथ लेकर अंकुश की तलाश मे चुडधार से टीसरी नोहरधार की तरफ निकले जब अंकुश से फोन पर बातचीत हुई तो अंकुश ने बतलाया की “वे कही पत्थर की बड़ी बड़ी चटानो के बीच फंस गया है तथा उसकी ताबियत खराब हो चुकी है,अब चलने मे भी असमर्थ है। फोन की बैटरी भी बस 1% बची हुई है। जब आरक्षी अखिल व सतविंदर अंकुश को ढूंढते हुए करीब 11:30 बजे दूर जंगल मे पहुंचे तो अंकुश को जोर जोर से आवाज़ देते रहे। काफी समय तक तलाश करने के बाद भी अंकुश का कोई सुराग ना लगा फिर काफी समय उपरांत शिरगुल महाराज की ऐसी कृपा हुई कि पुलिस के जवान आरक्षी अखिल द्वारा सुनसान जंगल मे भोले शंकर का जयकारा लगाया गया जो जंगल मे लाचार पड़े अंकुश को जयकारे की आवाज़ सुनाई दी, अंकुश ने बताया कि उसे जयकारा सुनकर ऐसा लगा जैसे साक्षात प्रभु ने किसी को उसकी रक्षा के लिए तथा उसको रास्ता दिखाने हेतु भेजा

अंकुश भी फिर जोर से जयकारा लगाया और पुलिस के जवान उसकी आवाज को सुनते ही कुछ दूरी पर उसे खोज निकालते है। अंकुश को बड़ी मुश्किल से जंगल के रास्ते से रात के करीब 1 बज कर 30 मिनट पर चुडधार पहुंचाया गया,जहा चुडेश्वर सेवा समिति के कर्मचारीयों ने आधी रात को लंगर खोलकर अंकुश व उसके मित्र को भोजन आदि करवाया उनके ठहरने की भी उचित व्यवस्था की गई। अंकुश ने सेवा समिति व पुलिस के जवान का दिल से शुक्रिया अदा करते हुए कि यदि आज उसे रेस्क्यू न किया जाता तो शायद वह जंगल मे पूरी रात भी न काट पाता

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