पुल बहने से लोगो को हो रही है परेशानी, प्रशासन व सरकार नही ले रहे सुध।
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खुद त्यार किया गया पुल भी पानी मे बाहा, कोई भी बिभाग नही ले रहा है सुध।
बैरा गढ़ तथा झजा कोठी के जन्मन्च कार्यक्रम मे भी उठा चुके है इस समस्या का मुद्दा ,अभी तक नही मिला स्थाई समाधान।
जावेद मोहमद
चुराह,7 फ़रवरी,(न्यूज़टुडे हिमाचल): वर्ष 2014 बैरा नदी पर नकरोड से हिमगिरी को जोड़ने के लिए एक पुल का निर्माण किया गया था जो कि महज छ महीने में ही बैरा बांध का जल स्तर बढ़ने से पूर्णतया से क्षतिग्रस्त हो गया था ।
उसी समय से समस्त इलाका वासियों ने उपमंडल दंडाधिकारी चुराह ,प्रवंधन NHPC बैरा स्यूल पावर स्टेशन सुरगानी, उपायुक्त चम्बा को भी क्षतिग्रस्त पुल के बारे में सूचित किया गया था लेकिन किसी भी विभाग द्वारा इस पुल का पुनर्निर्माण नही किया गया है उक्त स्थान पर लोगों को आर पार होना काफी मुश्किल हो गया है ओर खतरा भी काफी हो गया है !
लोगो ने जय राम सरकार से आग्रह किया है कि उक्त स्थान पर किसी विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त पुल का पुनर्निर्माण तकनीकी विशेषज्ञ की देख रेख किया जाए जिससे कम से कम छ पंचायतों के बाशिंदों को इसका लाभ मिल सके. नही तो लारजी डैम जैसा हादसा होने में देर नही लगेगी. पुल के करीब तीन किलोमीटर पीछे बैरा बांध है जिसका जलस्तर बढ़ने से कभी भी नदी में पानी छोड़ दिया जाता है!
समस्त इलाका वासियों ने आग्रह किया है कि बरसात शुरू होने से पहले शीघ्र अति शीघ्र क्षतिग्रस्त पुल का पुनर्निर्माण किया जाए जिससे लोगों को इसका लाभ मिल सके।
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