सौ से ज़्यादा कविताए लिख चुके है पेशे से शारीरिक शिक्षक दिनेश गजटा।
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सौ से ज़्यादा कविताए लिख चुके है पेशे से शारीरिक शिक्षक दिनेश गजटा।
कवि कल्पना,कला ,कलाकार
एक गाथा के पहलू चार ।
गिरीश ठाकुर
न्यूज़ टुडे हिमाचल 28 फरवरी चौपाल: चौपाल क्षेत्र पिछड़ी पंचायत पौडीया के युवा दिनेश गजटा बच्चपन से ही स्वयं सेवा में रुचि लेते रहेे है ।अपने संघर्षो भरे जीवन को वह अब कविता में पिरोने लगे है ।गांव से लेकर राष्ट्रीय, राज्य व क्षेत्रीय मुद्दों को लिखने का प्रयास करते रहते है। हालही में ठियोग में आयोजित ज़िला स्तरीय कवि सम्मेलन में उन्होंने अपनी लिखी कविता जनवरी 2020 कोरोना महामारी का भय ,तथा किसान की संघर्षमय कहानी प्रस्तुत की ।
दिनेश गजटा के अनुसार वर्ष 1993 ,दसवीं में पहली कविता फूलों का ही जीवन ऐसा, लिखी ।अब तक 100 के लगभग कविताएं लिख चुके है ।और शीघ्र ही प्रकाशित करने का विचार कर रहे है।
उनकी हर कविता में समाज ,व युवाओ को जागरूक करने,संघर्ष करने,के साथ स्वछता,पर्यावरण,वन्य सम्पदा के महत्व,खेल,व्यायाम,सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ाने,बचाने, आंतकवाद,नशा निवारण,तथा ऐतिहासीक धरोहर ,व जलाशयों के सरंक्षण,भ्र्ष्टाचार व रूढ़िवादी,क्षेत्रीय,व जातीय ,व दहेज प्रथा को रोकने के साथ ,नई पीढ़ी को इलेक्ट्रॉनिक,कम्प्यूटर,फोन से समय बचाकर ,लेखन की आदत के लिए प्रोत्साहित करना बड़ा लक्ष्य है ।गौरतलब है कि प्राईमरी की शुरुआती पढ़ाई 16 किलोमीटर पैदल चल करने से लेकर अब तक अपने जीवन के कई उतार चढ़ाव में देख चुके है । एस डी कालेज नेरवा से शारीरिक शिक्षा में स्नातक डिग्री लेने के बाद नागपुर विश्वविद्यालय से बी पी एड पास कर की परीक्षाओं की लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार में असफलता के बावजूद सामाजिक सेवा को नही छोड़ा ।वर्ष 2003 से एस डी स्कूल नेरवा में 14 वर्षो तक शारीरिक शिक्षक पद पर कार्य किया ।जंहा मात्र 1500 रु वेतन के साथ संघर्ष जारी रहा ।इस बीच 2005 से 2010 तक पंचयात सिमिति चौपाल के सदस्य रहकर लोगो की सेवा का प्रयास किया ।लेखन में रुचि के कारण 4 वर्षो तक क्षेत्रीय पत्रकार के रूप में भी कार्य किया ।इसके साथ विभिन्न सामाज सेवी संस्थाओं,किसान संगठनो,खेल संसाथनो के सदस्य रहकर कार्य किया ।युवा सेवा एवम खेल विभाग ने वर्ष 1998,99 यूथ अवार्ड से समाज उत्थान,व खेल गतिविधियों के लिए नबाज़ा। वर्ष2018से राजकीय वरिष्ठ पाठशाला रुस्लाह में बतौर शारीरिक शिक्षक सेवारत है फिर भी अतिरिक्त गतिविधियों में बहुत रुचि रखते है।
उनके द्वारा तैयार खिलाड़ियों की संख्या निजी स्कूल में राष्ट्रीय व राज्य स्तर तक बहुत रही लेकिन एक रोचक बात यह रही कि निजी स्कूल के बाद जब सरकारी स्कूल में जोइनिग के लिए मेडिकल की आवश्यकता पड़ी वह प्रमाण पत्र उनके पूर्व छात्र कार्यवाहक खण्ड चिकित्सक डॉ ललित ने बनाया ।इस तरह की असंख्य रोचक घटनाओं को ही दिनेश अपना लेखन क्षेत्र मानते है ।और अपने स्कूल के छात्रों पर असंख्य प्रयोग नाटकों,व भाषणों के माध्यम से करते है।

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